गुरुवार, 29 जनवरी 2009

खुला आसमान ..

4 टिप्‍पणियां:

  1. Aapka Swagat hai.

    Tasvir bahut achhi lagayi hai apne.

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  2. कितना खुला.....??.........बिल्कुल मेरी अंखियों सा.........!!

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  3. कितना खुला.....??.........बिल्कुल मेरी अंखियों सा.........!!

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  4. आपको ब्‍लाग पर देख कर अच्‍छा लगा। जब आप राष्‍ट्रीय सहारा में थे, आपका नाम सुना था। उस वक्‍त के इर्द गिर्द मेरी बाल कविताएं ' गीत गाओ संग हमारे ' में खूब प्रकाशित होती थीं। शायद सक्‍सेना जी भी उस समय थे। आपको ब्‍लॉग पर देखकर पुरानी यादें ताजा हो गयीं। ब्‍लॉग की दुनिया में आपका स्‍वागत है। आइये कभी 'चौखट' पर आपको और आनंद आयेगा।

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